मां के हत्यारे बेटे को उम्रकैद,पैसे के लिए मां को बेरहमी से पीटा,ग्वालियर का मामला

पैसों का लालच इंसान को शैतान बना देता है, ऐसा ही एक मामला ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र में सामने आया था। जिसमें एक बेटे द्वारा अपनी ही मां की बेरहमी से पीटकर और गला दबाकर हत्या कर दी गई थी।

न्यायालय ने इस बेटे को मां की गला दबाकर हत्या करने के आरोप में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट में सुनाई गई है। साथ ही उस पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

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शहर के जनकगंज थाना क्षेत्र के संजय नगर में रहने वाली संता बाई ने एक खेत पचास लाख रुपए में बेचा था। उसने अपने दोनों बेटों प्रदीप और संजय को 9-9 लाख रुपए दिए थे । उसने अपनी बेटी सुषमा को भी 9 लाख रुपए दिए थे। बाकी पैसे संता बाई ने अपने बैंक खाते में जमा कर दिए थे, लेकिन बैंक खाते में जमा इस रकम को हासिल करने के लिए संजय अपनी मां को परेशान करता था। 24 अगस्त 2020 को बड़ा बेटा प्रदीप अपनी मां को लेने छोटे भाई के घर गया था। संताबाई अपने छोटे बेटे प्रदीप के साथ संजय नगर के मकान में रहती थी, जबकि संजय अपनी पत्नी के साथ अलग उसी मोहल्ले में रहता था।

कोर्ट ने सजा के साथ अर्थदंड लगाया है
शासकीय अधिवक्ता जिला न्यायालय धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि साल 2020 में पैसे नहीं देने पर एक बेटे ने अपनी मां की गला दबाकर हत्या कर दी थी। जिस पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहा कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई करते हुए न्यायालय में पेश की साक्ष और सबूतों को देखते हुए आरोपी बेटे को उम्र कैद की सजा सुनाई है साथ ही आरोपी को 5 हजार रुपये के जमाने से भी दंडित किया है।

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आरोपी ने अपने बचाव में मां की माैत बीमारी से बताई थी
हालांकि संजय ने अपने बचाव में कहा था कि उसके हिस्से के नौ लाख रुपए को हड़पने करने के लिए प्रदीप और सुषमा ने उसके खिलाफ साजिश की है। जबकि उसकी मां की मौत बीमारी के चलते हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मां के साथ मारपीट करने और दम घुटने से मौत होना साबित हुआ था। इस मामले में अभियोजन ने संजय के भाई प्रदीप और उसकी बहन सुषमा के भी बयान कराए गए थे। जिसमें उन्होंने संता बाई की हत्या छोटे बेटे संजय द्वारा किया जाना बताया था। कोर्ट ने कहा कि यह घटना मां बेटे की रिश्ते को कलंकित करती है।

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बेटे ने अपने साथ रह रही मां को सिर्फ पैसे के खातिर मार डाला। ऐसे में वो किसी भी सूरत में दया का पात्र नहीं है। वही अभियोजन ने उसके लिए अधिकतम दंड की मांग की थी। न्यायालय ने संजय को उम्र कैद की सजा से दंडित किया है और 5000 रुपए का जुर्माना भी अधिरोपित किया है। अपनी गिरफ्तारी के बाद से ही संजय केंद्रीय कारागार ग्वालियर में बंद है।

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