भाजपा का बोहरा और पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस,कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया शैतान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी पार्टी के नेताओं को मुसलमानों को विश्वास में लेने के लिए कहना शैतान के धर्मग्रंथों का उपदेश देने जैसा है कर्नाटक विधान परिषद में नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा- चुनाव के दौरान वे इस तरह की नौटंकी करना चाहते हैं, लेकिन लोग इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इससे करीब 6 महीने पहले 3 जुलाई 2022 को हैदराबाद में आयोजित BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में PM मोदी ने पसमांदा मुस्लिमों के लिए स्नेह यात्रा की घोषणा की थी। इस यात्रा का मकसद पसमांदा मुस्लिमों के घर-घर पहुंच कर BJP से जोड़ने की पहल करना था।
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दरअसल, 16-17 जनवरी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- मुस्लिम समुदाय के बोहरा, पसमांदा और पढ़े-लिखे लोगों तक हमें सरकार की नीतियां लेकर जानी हैं। हमें समाज के सभी अंगों से जुड़ना है और उन्हें अपने साथ जोड़ना है।
अब जानिए भाजपा का बोहरा और पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस
छोटे दलों की मदद से BJP कैसे पसमांदा मुस्लिमों को साधना चाहती है, इस बात को बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम से समझा जा सकता है। 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार बिहार में दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ बनी थी। नीतीश कुमार के सुशासन और माफिया को खत्म कर कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के चुनावी नारे उन कई कारणों में से एक थे, जिनकी वजह से उनकी जीत हुई।
इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने जातिगत समीकरणों को काफी शानदार तरीके से साधा था, जिसके चलते पसमांदा मुसलमानों ने RJD और LJP के बजाय NDA को वोट दिया था।
सूत्रों की मानें तो 2024 लोकसभा चुनाव में NDA के सहयोगी पार्टियां अन्नाद्रमुक, अपना दल, निषाद पार्टी, JJP, राष्ट्रीय लोजपा, BPF, AGP, IPFT आदि पसमांदा मुस्लिम समुदाय को जोड़ने के लिए अन्य छोटे सहयोगियों के माध्यम से अपने मास्टर प्लान को लागू करेंगे। यानी चुनाव में ये पार्टियां पसमांदा समुदाय के नेताओं को मुस्लिम बहुल सीटों पर उनके चुनाव चिह्न पर टिकट देंगी। भले ही ये पार्टी चुनाव न जीत सकें, लेकिन मुस्लिम वोटों को बांटने और विपक्षी दलों को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाएगी।